शासकीय लाल श्याम शाह महाविद्यालय मानपुर में प्राचार्य श्री मनोज कुमार ठाकुर के मार्गदर्शन मे दिनांक 22/10/2024 को जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया l जिसमें पानाबरस राज परिवार से श्री लक्षमेंद्र शाह जी, श्री अंजोर शाह मंडावी, श्री रण शाह मंडावी जी एवं श्री राजिम शाह मरकाम मुख्य वक्ताओं के रूप मे महाविद्यालय में उपस्थित रहे l अतिथि वक्ताओं ने अपने व्यक्तव्य में मुख्य रूप से जनजातीय समाज के इतिहास , संस्कृति और जीवन शैली के बारे में विस्तार से व्याख्यान दिये l साथ ही महाराज लाल श्याम शाह जी के जीवन वृत्तांत और आदिवासियों के लिए उनके योगदान की भी विस्तृत जानकारी दी l अतिथि वक्ताओं द्वारा अपने उदबोधन् मे कहा कि जनजातीय समाज भारत के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,जो न केवल उनके रीति-रिवाजों और परंपराओं को दर्शाता है, बल्कि उनके ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान की भी गवाही देता है। जनजातीय समुदायों ने भारतीय समाज की समृद्धि और विविधता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसका स्मरण रखना, अनुसरण करना और सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। शहीद वीर नारायण सिंह, भगवान बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती जैसे वीर जनजातीय नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया, जिनके बलिदानों को इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। जनजातीय विद्रोह ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी और समाज को संगठित कर अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला l आज भी उनके पारंपरिक ज्ञान और सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रियाएं आधुनिक समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है l
जनजातीय समाज की धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराएँ प्रकृति के साथ गहरा संबंध रखती हैं। उनकी मान्यताएँ पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों के साथ मेल खाती हैं। उनके द्वारा की जाने वाली पूजा, त्योहार और अनुष्ठान, जो प्राकृतिक तत्वों जैसे—पर्वत, नदियाँ, वृक्ष—की पूजा पर आधारित हैं, जो हमें प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान का संदेश देते हैं।
जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत उनके समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को दर्शाता है। उनकी अनमोल धरोहर को संरक्षित करना और उनके योगदान को पहचान दिलाना न केवल उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी है। इस कार्यक्रम मे डॉ तोरण लाल वर्मा (सहायक प्राध्यापक - वाणिज्य) श्री नूतन कुमार भुआर्य (सहायक प्राध्यापक - अर्थशास्त्र) श्री संदीप गुप्ता श्री (सहायक प्राध्यापक - रसायन शास्त्र) साथ ही महाविद्यालय के समस्त अतिथि प्राध्यापक एवं छात्र /छात्रा उपस्थित रहे l